Saturday, February 26, 2011

संयोगिता


एक साल हो गया है और इस बीच मैंने कुछ लिखा नहीं.इस एक साल में में एक प्यारी बेटी कि माँ बनी.. मार्च कोसंयोगिता अपना पहला जन्मदिन मनाएगी ,आगे कितना लिखना हो पायेगा जानती नहीं पर सोचा फिर सेशुरुआत उसी के लिए कुछ लिख कर की जाये। यह कविता मेरी बेटी के लिए उस के जन्मदिन पर क्योंकि उसकेआने से हमारा जीवन एक सुन्दर कविता हो गया है।

तुम एक सपना थी अब साकार हो
हमारे प्रेम की छवि,
एक अभिलाषा जो दिल ने थी बुनी,
हमारे जीवन का हर उगता सूरज
तुम रात में तारों का अम्बार हो।
इस चेहरे से बढ़ कर कोई नज़ारा नहीं
निहारते हुए तुम्हे लम्हे सज जाते हैं
इतना सुन्दर हम कुछ रच सके
बस इसी पर इतरा जाते हैं।
पीड़ा सुख की जननी है
तुम्हे थामा तो यह जाना
माँ बनने की अनुभूति शब्दों की पहुँच से परे है ,
एक एहसास है
बताना चाहूँ तो भी मुश्किल है कह पाना
तुम्हारी मुस्कान से हर शिकन धुंधली हुई पाती हूँ ,
जब ऊँगली थाम तुम चलती हो
मैं चाँद की सैर कर आती हूँ।
तुम्हारी मीठी बोली में रागों से ज्यादा गहराई है
तुम्हारी हठ ,वह खेल
देते हर दिन को तरुणाई हैं
हर दिन कुछ नया करती हो ,
तुम्हारे रोमांच,खोजों का सिलसिला थमता नहीं ,
तुम बहुत कुछ नया सीख रही हो,और मैं भी
संयम,स्नेह की परिभाषाएं नयी
तुम्हारे साथ आज को देख
कल के लिए बेसब्र हो जाती हूँ
तुम आई तो सब कुछ बदल गया
तुम से अलग,तुम से दूर कुछ भी देख पाती हूँ।
तुम पापा जैसी दिखती हो ,गुस्सा कुछ मुझ जैसा है ,
किस की बेटी ज्यादा हो,विवाद का यह सबसे गहन मुद्दा है।
खाती तुम हो,तृप्त हम खुद को हुआ पाते हैं
खिलखिलाहट तुम्हारी,ख़ुशी से आंसूं हमारे छलक जाते हैं
तारीखों ने नया आयाम ले लिया है ,
तुम्हारा पहला शब्द ,
वह पहला कदम,
झांकता हुआ पहला दांत,
पूरा होता हर महीना
आम तारीखों को ख़ास कर गया है।
यूँ लगता है जैसे कल ही की बात हो
तुम्हारे आने की बस आहट हुई थी
एक ओर होली के रंग बिखरे थे
पर हमारे आकाश पर तुम इन्द्रधनुष बन छा गयी थी।
एक साल को पंख लग गए,
साल यूँ ही उड़ते जायेंगे
पर तुम हमेशा हमारी नन्ही लाडली रहोगी ,
उंगलियों में तुम्हारी अपनी डोर हम हमेशा पाएंगे।
तुम एक अच्छी इंसान बनों ,
हम तुम्हारी नहीं,तुम हमारी पहचान बनों,
सफलता ,सुख,समृद्धि की अधिकारी बनों ,
पराक्रमी,परोपकारी बनों,
आशीषों तुम पर सदा वर्षा हो
अपने नाम सरीखी सबकी प्यारी राजकुमारी बनों
संयोग से जो मिली हमें ,
तुम हमारी "संयोगिता" हो।