tag:blogger.com,1999:blog-8004372960193329529.post7430671316339369399..comments2023-08-28T17:15:02.794+05:30Comments on कुछ बातें ...: कुछ सवाल बाकी हैं ...Priyanka Singh Mannhttp://www.blogger.com/profile/06922112038808187422noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-8004372960193329529.post-55175631323664287922009-05-12T21:24:00.000+05:302009-05-12T21:24:00.000+05:30बहुत खुशी हुई आपका लिखी ये कविता पढ़कर। पहली बार ब...बहुत खुशी हुई आपका लिखी ये कविता पढ़कर। पहली बार बात करने पर जो धारणा आपके बारे में बनी उसे इस कविता ने और मज़बूत बना दिया है। संयोग पर यकीन नहीं है मेरा, लेकिन आज कुछ गहरे तक सोचने को मजबूर करने वाले कुछ विचार पढ़ने का जी किया.. तो अचानक अपने ब्लॉग पर दिया आपका कमेंट दिखाई दिया। लेकिन ये कहे बिना नहीं रह पाउंगी कि कुछ दिनों से जो ज़िंदगी सिर्फ ऑफिस की खिटपिट, दोस्तों की मस्ती, भविष्य के तनावों में मुर्दा सी हो गई थी (ऐसी ज़िंदगी को मैं 'मुर्दा'कहकर बुलाती हूं)... उसे धड़कने का एहसास करा दिया आपने। <br />लेखन के इस सफ़र को थमने मत देना। सांई आपको हमेशा सही रास्ता दे।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8004372960193329529.post-81943852725190326912009-03-02T08:31:00.000+05:302009-03-02T08:31:00.000+05:30इस सदी में लोगों की आत्मा चर्चिल, गांधी, गोलवलकर, ...इस सदी में लोगों की आत्मा चर्चिल, गांधी, गोलवलकर, लोहिया से नहीं वरन बॉलिवुड का लबादा ओढ़ रही है। आज का वर्ग कैसे हमारे पुराने लोकतांत्रिक मूल्यों को समझ पाएगा। मनोरंजन के नशे ने किताबों को पार्श्व में ठेल दिया है प्रियंका जी। सच है कि वैश्विकरण ने हमें विकास का नया रास्ता दिखाया है। आज जब हमारा मध्यवर्गीय युवा 'गण' लगभग विकसित हो चुका है तो उसे जन-गण-मन के ध्येय ही नहीं पता। आपने कहा कि ये वही लोग हैं जो मौका मिलते ही अमेरिका की उड़ान भर देंगे। आज उन्हें अमेरिकी से उठी हठात मंदी की आंधी का हवाला देकर भी नहीं रोका जा सकता। भारत भाग्य विधाता कहां है उनके लिए?<BR/> एक अनुरोध है आपसे वर्ड वेरिफिकेशन हटा दीजिए। टिप्पणी देने में परेशानी होती है।मधुकर राजपूतhttps://www.blogger.com/profile/18175900220847414275noreply@blogger.com