मेरे पति का पोस्टिंग आर्डर आ गया था यह तो आप सब को मैं पहले ही बता चुकी हूँ (http://priyankasmann.blogspot.com/2009/06/blog-post_03.html) अब कुछ और बताना चाहती हूँ इस कविता के माध्यम से...
पोस्टिंग आ गई थी
पहले ही बता चुकी हूँ जनाब
कुछ दिन अब न लिख पाऊँगी नई पोस्ट
न ही दे पाऊँगी टिपण्णी और जवाब
पैकिंग अनंत नज़र आ रही है
पसीने और धूल में सनी हूँ मैं
कुछ न लिख न ही पढ़ पाने की बुरी लाचारी है
कुछ दिन और यूँ ही चलने के आसार हैं
दमन ,पुणे रुकते हुए
अहमदाबाद से सिकंदराबाद पहुँचने की दरकार है
वहां जा कर भी जल्द कुछ लिख पाऊं लगता नहीं
अरे बी.एस.एन.एल का ब्रॉडबैंड भी पन्द्रह दिन से पहले मिलता नहीं
बक्सों में बंद गृहस्थी भी फिर से जमानी है
तीसरे माले तक सामान ले जाना भी बड़ी परेशानी है
ऐसा नहीं की मैं कुछ बड़ा साहित्यिक लिखती हूँ
कि बिन मेरे लेखन की दुनिया वीरान हो जायेगी
कुछ दोस्त बन गए हैं
बस उन्ही की कमी कुछ दिनों तक खल जायेगी
दोस्ती ही की बात थी
सोचा गायब होने से बता कर जाना ठीक है
मित्रगण कहीं मुझे भी न भूल जायें इसीलिए लगाई यह तरकीब है
क्या कहते हैं वो टीवी में
"मिलते हैं ब्रेक के बाद "
मज़बूरी में ले रही हूँ यह ब्रेक
स्नेह अपना यूँ ही रखियेगा बरक़रार
ब्रेक के बाद एक बार फिर मिलेंगे हम और आप
ब्रेक के बाद आने का हमे आपका इंतज़ार रहेगा
ReplyDeleteprinka ji hume aap ka intjaar hai
ReplyDeletehamaara gujaraat chhod kar kyon ja rahe ho ?
ReplyDeletebarsaat barsaat toh ruk jaao....
ahmedabad raho hydrabad raho
khushiyon se sada aabad raho
wish you all the very best
ये लो जॊ..आप मिली भी नही और इतनी पास से चल दी ठेठ सिकंदराबाद... फ़ौजी जीवन की सबसे हंसींन पीडा..
ReplyDeleteआपको नई जगह मुबारक हो. ब्रेक के बाद जल्दी मिलियेगा.
रामराम.
आपका इंतज़ार रहेगा
ReplyDeleteintjar hai
ReplyDeleteप्रियंका जी इंतजार रहेगा ....!!
ReplyDeletehappy journey ma'm !
ReplyDeleteनयी जगह, नया कैंट, नये दोस्त...सबके लिये हमारी ओर से समस्त शुभकामनायें!
from ahamdabad to sikandarabad-not bad!
हमे आपका इंतज़ार रहेगा..ब्रेक के बाद जल्दी मिलियेगा...
ReplyDeleteआप का ब्लाग अच्छा लगा...बहुत बहुत बधाई....
आपकी स्पीड के हिसाब से ब्रेक कुछ ज्यादा लम्बा हो गया है न ?
ReplyDeleteham aap ka intezaar karein ge
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